Shiv aarti in Hindi & English, शिवजी की आरती, Shivaji ki Aarti Om Jai Shiv Omkara

The talk of Shiva’s Aarti is something unique because the joy that we get by worshiping Lord Shiva, Lord Shiva also gets the same joy. The talk of Shiva Aarti is such that, by performing the aarti of Bholenath, he can also be pleased quickly. His aarti was composed by Shivanand ji.

In this article, you will first get to read Shiv Aarti Jai Shiv Omkara Aarti in Hindi (Om Jai Shiv Omkara Lyrics In Hindi). After that Hindi translation of Shivji Aarti will be explained to you. In the end, the meaning of Shiva’s Aarti will also be read so that you can understand its expressions better. Let’s read Shiv Aarti with Hindi meaning.

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शिवजी की आरती

आपके लिए हम इस साइट पर लेकर आए है शिव जी की आरती हिंदी में (Shiv aarti in hindi) तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | इसके साथ ही साथ आप शिव आरती pdf (shiv aarti in hindi PDF) को अपने फ़ोन तथा कंप्यूटर (pc) पर भी डाउनलोड कर सकते है। कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी गई है. शिवजी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती और कर्पूर से करनी चाहिए. आरती शुरू करने से पहले और बाद में शंख बजाना भी शुभ माना जाता है.

शिव जी की आरती को शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा मन शांत रहता है।

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Shiv aarti in Hindi

शंकर जी की आरती ‘ओम जय शिव ओंकारा’

॥ आरती ॥

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

 अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥

॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥

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जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में अर्थ

हे भगवान शिव! आपकी जय हो। हे शब्द के रचियता भगवान शिव! आपकी जय हो। ब्रह्मा, विष्णु व सभी देवताओं के स्वरुप आप ही हो अर्थात सभी ईश्वर व देवता आप ही के रूप हैं। यहाँ भगवान शिव को त्रिदेव का रूप बताया गया हैं अर्थात वे ही ब्रह्मा हैं, वे ही विष्णु हैं और वे ही शिव हैं।

आप ही एक मुख वाले नारायण हैं, आप ही चार मुख वाले परम ब्रह्मा हैं, आप ही पांच मुख वाले भगवान शिव हैं। आप ही ब्रह्मा के वाहन हंस पर विराजते हैं, आप ही विष्णु के वाहन गरुड़ के वाहक हैं और आप ही शिव के वाहन बैल के ऊपर विराजित हैं।

ब्रह्मा की भांति आपकी दो भुजाएं हैं, विष्णु की भांति आपकी चार भुजाएं हैं व शिव की भांति दस भुजाएं हैं। आपके अंदर त्रिदेवों के गुण हैं और तीनों लोकों में आप आमजन के बीच प्रिय हो।

ब्रह्मा की भांति रुद्राक्ष की माला, विष्णु की भांति सुगन्धित पुष्पों की माला तो शिव की भांति राक्षसों के कटे हुए सिर की माला आपने पहनी हुई हैं। ब्रह्मा की भांति चंदन का तिलक, विष्णु की भांति मृगमद कस्तूरी का तिलक तो शिव की भांति चंद्रमा आपके मस्तक पर सुशोभित हैं।

आपने ब्रह्मा की भांति श्वेत वस्त्र, विष्णु की भांति पीले वस्त्र तो शिव की भांति बाघ की खाल के वस्त्र पहने हुए हैं। आपके साथ में ब्रह्मा जी के अनुयायी अर्थात ऋषि-मुनि व चारों वेद, विष्णु के अनुयायी गरुण व धर्मपालक, शिवजी के अनुयायी भूत, प्रेत इत्यादि हैं।

आपके हाथों में भगवान ब्रह्मा की भांति कमंडल, विष्णु की भांति चक्र तो शिव की भांति त्रिशूल हैं। आप ही ब्रह्मा की भांति इस विश्व का निर्माण करते हो, विष्णु की भांति इसका संचालन करते हो तो शिव की भांति इसका संहार करते हो।

कोई अविवेकी व्यक्ति भी यह जान सकता हैं कि ब्रह्मा, विष्णु व सदाशिव आप ही के रूप हैं। ब्रह्मांड के प्रथम अक्षर ॐ के मध्य में ये तीनों ईश्वर विराजमान हैं।

भगवान महादेव अपनी नगरी काशी में विश्वनाथ रूप में विराजते हैं जिनकी सवारी नंदी हैं और जो ब्रह्मचारी भी हैं अर्थात मोह-माया को त्यागने वाले। जो भी भक्तगण उन्हें प्रतिदिन सुबह उठकर भोग लगाता हैं, उस पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

तीनों गुणों से युक्त भगवान शिव जी की आरती जो कोई भी भक्त करता हैं, शिवानन्द स्वामी जी के अनुसार उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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Shiv Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Shiv Aarti Lyrics in Hindi as Image download link is given at the bottom of this article. You can direct download Pic of शिव जी आरती | Shiv Aarti Lyrics in Hindi for free using this Photo.

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शिव जी की आरती का महत्‍व

शिव शंकर की आराधना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। शिव की भक्ति करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक समस्याएं से जूझना नहीं पड़ता है। धर्म के अनुसार शिव शंकर एक मात्र ऐसे भगवान है, जो बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। उनके प्रसन्न होने से व्यक्ति की सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। शिव शंकर को भोलेनाथ, गंगाधर, नीलकंठ  आदि नामों से भी पुकारा जाता हैं।

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Shiv aarti in English

OM JAI SHIV OMKARA, PRABHU JAI SHIV OMKARA
BRAHMA VISHNU SADA SHIV, ARDHANGII DHARA
OM� JAI SHIV OMKARA…

EKANANA CHATURANAN PANCHANAN RAJE
HANSANAN, GARURAASAN VRISHVAHAN SAJE
OM JAI SHIV OMKARA….

DO BHUJA, CHAAR CHATURBHUJA DASHABHUJA ATI SOHE
TIINON ROOP NIRAKHATE TRIBHUVAN JAN MOHE
OM JAI SHIV OMKARA…

AKSAMALA VANAMALA MUNDAMALA DHARI
CHANDANA MRIGAMAD SOHAI BHAALE SHASHIDHAARI
JAI SHIV OMKARA…

SHVETAMBARA PIITAMBARA BAAGHAMBARA ANGE
BRAHMADHIK SANAKAADHIK PRETAADHIK SANGE
OM JAI SHIV OMKARA…

KARA MADHYE KAMANDALU AU TRISHUL DHARI
JAGKARTA JAGHARTA JAGAPALAN KARTA
JAI SHIV OMKARA…

BRAHMA VISHNU SADASHIVA JANATA AVIVEKA
PRANAVAKSAR�KE MADHAYA�TINONH EKA
OM JAI SHIV OMKARA…

TRIGUN SWAMI KI AARTI JO KOI NAR GAVE
KAHATA SHIVANANDA SWAMI MANA VANCHITA PHALA PAVE
JAI SHIV OMKARA…

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Shiv arti pdf download

Hello Friends, here you can get Shiv Aarti in Hindi PDF / Shiv Aarti PDF in Hindi. Lord Shiva is known by the names of Mahakal, Mahadev and Adiyogi. Lord Shiva is worshiped on a large scale all over the world including India. If you are suffering from problems related to ghosts etc., then you must worship Lord Shiva.

Devotees of Shiva should also recite Shiva Chalisa and worship Shiva with ritual mantra, apart from reciting Shiva Ashtottara and praising Shiva, every wish of man is fulfilled, similarly listening to Shiva’s Amritvani.

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